सीमा पर चीन की हर चाल होगी नाकाम! 7 सैन्य हवाई अड्डों पर भारतीय एजेंसियों की पैनी नजर
By: Pinki Thu, 20 Aug 2020 6:29:56
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव के बीच भारतीय एजेंसियां ड्रैगन की गतिविधियों पर कड़ी निगाह रखी हुई हैं। एजेंसियां लद्दाख से लेकर पूर्वोत्तर के अरुणाचल तक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के उस पार पीपल्स लिबरेशन आर्मी ( Peoples Liberation Army) के एयर फोर्स (PLAAF) की हर हलचल पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। चीन के कम से कम 7 एयरबेस भारतीय एजेंसियों के रेडार पर हैं। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय एजेंसियों ने शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्र में चीनी वायुसेना के होटन, गर गुनसा, काशघर, होपिंग, डोंक्का डोंग, लिन्झी और पंगत एयरबेस पर कड़ी नजर रखी हुई है। सूत्रों का कहना है कि इन एयरबेसों पर हाल ही में सक्रियता बढ़ी है।
चीन की एयर फोर्स ने हाल ही में इनमें से कुछ एयर बेसों को अपग्रेड किया है। इसके तहत रनवे की लंबाई को बढ़ाने और अतिरिक्त जवानों की तैनाती जैसे कदम उठाए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के सामने लाइनज़ी एयरबेस मुख्य रूप से एक हेलीकॉप्टर बेस है और चीन ने उन क्षेत्रों में अपनी निगरानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए वहां हेलीपैड का एक नेटवर्क भी बनाया है। इसके साथ ही लड़ाकू विमानों की भी तैनाती की है। सूत्रों ने बताया कि लिंजी एयरबेस भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के नजदीक है और वह मुख्य तौर पर हेलिकॉप्टर बेस है। चीनियों ने एयरबेस के नजदीक हेलिपैड्स का नेटवर्क भी तैयार किया जिसका मकसद उन इलाकों में सर्विलांस गतिविधियों और क्षमताओं को बढ़ाना है।
चीन ने लद्दाख सेक्टर के उस तरफ और दूसरे इलाकों में लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। इनमें सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के चाइनीज वर्जन के साथ-साथ उसके स्वदेशी जे-सीरीज के लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। भारतीय एजेंसियां एलएसी से सटे इलाकों में चीन की हर गतिविधि पर निगाह बनाई हुई हैं।
चीनी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायुसेना ने सुखोई, मिग -29, मिराज -2000 के और अपाचे हेलीकॉप्टर LAC पर तैनात कर दिए हैं और ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है। यही नहीं भारतीय वायुसेना ने अपना आधुनिक युद्धक हेलीकॉप्टर अपाचे भी फॉरवर्ड बेस पर तैनात किया है।
इससे पहले अप्रैल-मई में चीन के साथ तनाव के शुरुआती चरण में ही भारतीय वायुसेना ने भी अपने फॉरवर्ड बेसेज में एसयू-30 एस और मिग-29 एस विमानों को तैनात कर दिया था। इसी वजह से उस दौरान जब पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीनी विमानों ने भारतीय एयरस्पेस के उल्लंघन की कोशिश की थी तो उन्हें तत्काल वहां से खदेड़ा गया था।
लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायु सेना को चीन पर स्पष्ट बढ़त हासिल है क्योंकि ड्रैगन के लड़ाकू विमानों को बहुत ज्यादा ऊंचाई वाले एयर बेसों से उड़ान भरना पड़ता है जबकि भारतीय विमानों का बेड़ा मैदानी इलाकों से उड़ान भरने के बाद तुरंत ही पहाड़ी क्षेत्र में पहुंच सकता है।
देपसांग इलाके में चीन ने सन 2000 में ही अपना सैन्य ठिकाना बना लिया था। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर दावा किया था कि इस इलाके में चीनी सेना ने आज से 20 साल पहले ही अपना बेस बना लिया था। देपसांग इलाके में चीन ने 2013 में भी घुसपैठ की थी। तब भारतीय सेना ने चीन को पीछे खदेड़ दिया था।